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इस आलेख को तीर्थंकर महावीर विश्वविद्यालय(मुरादाबाद) के सहयोग से जनहित में जारी किया गया है. तीर्थंकर महावीर विश्वविद्यालय(मुरादाबाद) की वेबसाइट है: http://tmu.ac.in
बारहवीं पास करने के बाद संदीप बिहार से पढने दिल्ली आया. बचपन से उसका एक ही ख्वाब था-इंजीनियर बनना. उसने ग्रेटर नोएडा के एक प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन भी ले लिया. एक वर्ष की पढाई के बाद उसे पता चला कि वह जिस संस्थान में पढ रहा है, वह संबंधित संस्थान से मान्यता प्राप्त नहीं है. अब तक कॉलेज फीस और रहने-खाने पर एक लाख से रुपये से अधिक की रकम खर्च हो चुकी थी. इस तरह न केवल संदीप के करियर के साथ खिलवाड हुआ, बल्कि उसके माता-पिता को भी पैसे का भारी नुकसान उठाना पडा. आज संदीप जैसे हजारों छात्र हैं, जो सुनहरे भविष्य का सपना लेकर अनजाने में किसी फर्जी संस्थान में दाखिला ले लेते हैं और बाद में इसका गलत परिणाम भुगतते हैं. ऐसी स्थिति से बचने के लिए हमें शिक्षा संस्थानों के बारे में सही जानकारी होना बहुत जरूरी है.
ये हैं फर्जी संस्थान
ऐसे शिक्षण संस्थान फर्जी हैं, जिन्हें किसी भी सरकारी नियामक संस्थान या प्राधिकरण से मान्यता प्राप्त नहीं है. वे बिना परमिशन के छात्रों को ऐसे कोर्स करा रहे हैं, जिन्हें कराने का अधिकार उनके पास नहीं है. यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) हर साल ऐसी यूनिवर्सिटीज, कॉलेज की लिस्ट जारी करती है, जो फर्जी संस्थान के दायरे में आते हैं. यदि हम बात करें प्रोफेशनल कोर्स की, तो देश के विभिन्न हिस्सों में केंद्र व राज्य स्तर पर कई सरकारी संस्थाएं हैं, जो सरकारी और प्राइवेट शिक्षण संस्थानों को संबंधित कोर्स कराने की इजाजत देती हैं. इनमें से कुछ प्रमुख हैं-ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन, एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज, फॉर्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया, नर्सिग काउंसिल आदि.
कैसे बचें
कभी-कभी स्टूडेंट्स शहर या गांव से दूर होने के कारण नजदीक के किसी प्राइवेट संस्थान में दाखिला ले लेते हैं. पूरी कोशिश करें कि आपका दाखिला प्रतिष्ठित सरकारी शिक्षण संस्थान में ही हो. यदि आप किसी कारणवश प्राइवेट संस्थान में एडमिशन लेते हैं, तो आप मैनेजमेंट से संस्थान और कोर्स के मान्यता संबंधी सर्टिफिकेट्स दिखाने को कह सकते हैं. जिस संस्थान में आप एडमिशन लेने जा रहे हैं, वहां पढ रहे या एक्स स्टूडेंट्स से भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. मसलन-कैंपस प्लेसमेंट की स्थिति, फीस स्ट्रक्चर, पास आउट बैच की संख्या, संस्थान का इतिहास आदि. संस्थान के इंफ्रास्ट्रक्चर, फैकल्टी मेंबर्स की शैक्षिक योग्यता के बारे में जानकारी जुटाएं. यदि एडमिशन के समय यह जानकारी दी जाए कि संस्थान किसी यूनिवर्सिटी से रिकॉगनाइज्ड है, तो उसके बारे में भी जानकारी जुटाएं. फर्जी संस्थान से बचने का सबसे बढिया और आसान तरीका है इंटरनेट पर यूनिवर्सिटी की जानकारी चेक करना.
संस्थाएं
कई सरकारी संस्थाएं हैं, जो प्रोफेशनल शिक्षण संस्थाओं को मान्यता देती हैं. आप इनकी वेबसाइट से सही और फर्जी संस्थान का पता लगा सकते हैं :
डिप्लोमा इन इंजीनियरिंग ऐंड मैनेजमेंट ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ टेक्निकल एजुकेशन
aicte-india.org
कम्प्यूटर एजुकेशन डीओईएएसीसी सोसाइटी
doeacc.edu.in
नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन,
ncte-india.org
आर्किटेक्चर काउंसिल ऑफ आर्किटेक्चर,
coa.gov.in
इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च
icar.org.in
मेडिकल एलोपैथी (एमबीबीएस, एमडी, एमएस) मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया
mciindia.org
डेंटल (बीडीएस, एमडीएस)डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया
dciindia.org
आयुर्वेदिक, यूनानी (बीएएमएस) सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन,
ccimindia.org
होम्योपैथी (बीएचएमएस)सेंट्रल काउंसिल ऑफ होम्योपैथी
cchiindia.org
फार्मेसी (बी.फार्मा) फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया
pci.nic.in
नर्सिग इंडियन नर्सिग काउंसिल
indiannursingcouncil.org
विकलांग पुनर्वास और विशेष शिक्षा रिहैबिलिटेशन काउंसिल ऑफ इंडिया
rehabcouncil.nic .in
वेटेरिनरी एजुकेशन
वेटेरिनरी काउंसिल ऑफ इंडिया
vci-india.in
लॉ एजुकेशन
बार काउंसिल ऑफ इंडिया
barcouncilofindia.org
डिस्टेंस एजुकेशन
डिस्टेंस एजुकेशन काउंसिल
dec.ac.in
इसके अलावा, आप इन साइट्स पर भी सही और फर्जी संस्थान का पता लगा सकते हैं-
यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन
ugc.ac.in
मिनिस्ट्री ऑफ ह्यूमन रिसोर्स ऐंड डेवलपमेंट
education.nic.in
असोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज
aiuweb.org
सजगता जरूरी
स्टूडेंट्स कैसे पता लगाएं फर्जी संस्थानों का, इसके लिए हमने बात कीयूजीसी के चेयरमैन सुखदेव थोरट से. प्रस्तुत हैं अंश..
संस्थान को फर्जी कैसे घोषित किया जाता है?
हमारे पास केंद्रीय, सरकारी, प्राइवेट और डीम्ड सभी यूनिवर्सिटी की पूरी लिस्ट होती है. छात्रों की शिकायत, राज्य और केंद्र द्वारा भेजी गई इंफॉर्मेशन, अखबार या अन्य मीडिया में संस्थान के दिए गए विज्ञापन के आधार पर उस संस्थान की जांच की जाती है. यदि छानबीन में संबंधित संस्थान द्वारा बताई गई जानकारी गलत पाई जाती है, तो उसे फर्जी घोषित कर दिया जाता है. इसकी सूचना हम केंद्र और राज्य सरकार को भेज देते हैं.
छात्र कैसे पता लगाएं कि संस्थान फर्जी हैं या सही?
यूजीसी की वेबसाइट पर एक ऑप्शन होता है लिस्ट ऑफ फेक यूनिवर्सिटी. इस पर क्लिक करते ही इसके बारे में छात्रों को सभी जानकारी मिल जाती है. वे हमें मेल करके भी क्वेरी भेज सकते हैं. इसके अलावा, हम विभिन्न अखबारों में भी इसके बारे में समय-समय पर सूचना देते रहते हैं.
गांव में रहने वाले छात्र इसके बारे में कैसे पता लगाएं?
यदि आप वेबसाइट का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं, तो आप यूजीसी के सेक्रेट्री, चेयरमैन के नाम पत्र लिखकर सूचना मांग सकते हैं.
यदि छात्र को कुछ दिनों बाद पता चलता है कि संबंधित संस्थान फर्जी है, तो यूजीसी क्या मदद करसकती है?
हालांकि अधिकतर मामलों में छात्र के सेशन और पैसा बर्बाद होने की पूरी संभावना रहती है. लेकिन यूजीसी की तरफ से पीडित छात्र की पूरी सहायता की जाती है, ताकि छात्र का भविष्य अंधकारमय न हो.
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