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इस आलेख को तीर्थंकर महावीर विश्वविद्यालय(मुरादाबाद) के सहयोग से जारी किया गया है. तीर्थंकर महावीर विश्वविद्यालय की वेबसाइट है: http://tmu.ac.in
हर कंपनी अपने प्रोडक्ट की ब्रांडिंग करना चाहती है। इसमें ब्रांड मैनेजर महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यही कारण है कि इन दिनों इस तरह के प्रोफेशनल की काफी डिमांड है। यदि कम्युनिकेशन स्किल अच्छी है और इनोवेटिव आइडिया भी है आपके पास, तो यह प्रोफेशन आपके लिए बेहतर करियर विकल्प हो सकता है।
ब्रांड मैनेजमेंट
किसी खास उत्पाद या उत्पाद श्रृंखला या ब्रांड में मार्केटिंग तकनीक के प्रयोग को ब्रांड मैनेजमेंट कहते हैं। इसका उपयोग उत्पाद की उपभोक्ताओं में प्रचलित वैल्यू को बढाने के लिए किया जाता है, जिससे ब्रांड फ्रेंचाइज के साथ-साथ ब्रांड इक्विटी भी बढती है। सामान्यत: बाजारों में मार्केट्स द्वारा किसी भी ब्रांड को एक ऐसे आश्वासन के रूप में माना जाता है, जिसकी गुणवत्ता के स्तर की ग्राहकों को अपेक्षा होती है। इसी गुण के आधार पर ब्रांड वैल्यू तय होती है, जो भविष्य में निर्णायक भूमिका निभाती है। इसके द्वारा प्रतिस्पर्धी उत्पादों से अपने उत्पाद की तुलना कर विक्रय बढाया जाता है।
कैसे लें एंट्री
किसी भी विषय से स्नातक की डिग्री रखने वाले स्टूडेंट्स कैट और मैट एग्जाम क्लियर करने के बाद एमबीए कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं। इसके बाद ब्रांड मैनेजमेंट में स्पेशलाइजेशन कर सकते हैं। कई इंस्टीट्यूट ब्रांड मैनेजमेंट में डिप्लोमा कोर्स भी ऑफर कर रहे हैं। इसकी अवधि एक वर्ष है। मार्केटिंग के एमबीए करने के बाद भी ब्रांड मैनेजमेंट में करियर बनाया जा सकता है।
डोमेन एरिया
ब्रांड मैनेजमेंट कोर्स के अंतर्गत कई एरिया आते हैं। जैसे- प्रिंसिपल ऑफ ब्रांड मैनेजमेंट, मार्केट रिसर्च, एनालिलिस ऑफ मार्केटिंग ट्रेंड, कंज्यूमर डिमांड, ब्रांड लॉन्च ऐंड यूएसपी, ब्रांड रिसर्च, एडवरडाइजिंग ऐंड मार्केटिंग, ब्रांड प्रमोशन, डिस्ट्रीब्यूशन, पैकेजिंग ऐंड मार्केटिंग ऑफ ब्रांड।
जॉब ही जॉब
ब्रांड मैनेजमेंट कोर्स पूरा करने के बाद स्टूडेंट्स के लिए कई रास्ते खुल जाते हैं। वे प्रोडक्ट मैनेजर या ब्रांड डेवलपमेंट मैनेजर के रूप में कार्य की शुरुआत कर सकते हैं। आमतौर पर कोर्स पूरा करने के बाद स्टूडेंट्स का प्लेसमेंट देश की प्रमुख कंपनियों जैसे हिन्दुस्तान लीवर, मंहिद्रा ऐंड मंहिद्रा, गोदरेज, सन फार्मा, आदित्य बिरला ग्रुप, रिलायंस, डाबर, बजाज, एफएमसीजी कंपनी, नेस्ले, सिप्ला, कोका-कोला, फार्मास्युटिकल कंपनी, हेल्थकेयर आदि में हो जाती है। इन दिनों फार्मा सेक्टर में ब्रांड मैनेजमेंट से जुडे लोगों की खूब मांग देखी जा रही है। इस संबंध में विशेषज्ञ कहते हैं कि फार्मा इंडस्ट्री में ब्रांड मैनेजमेंट से जुडे लोगों के लिए करियर इसलिए भी बेहतर है, क्योंकि फार्मा कंपनियां कोई न कोई प्रोडक्ट आए दिन मार्केट में उतारती ही रहती हैं। खासकर जब कोई नया प्रोडक्ट मार्केट में उतारा जाता है, तो बिक्री बढाने और प्रमोशन के लिए ब्रांड मैनेजर की जरूरत होती ही है।
बढाएं कम्युनिकेशन स्किल
ब्रांड से जुडे लोगों का काम प्रोडक्ट की छवि को मार्केट में बेहतर बनाने का होता है, इसलिए अच्छी कम्युनिकेशन स्किल की जरूरत होती है। साथ ही, मार्केट की स्थिति को भांपते हुए हर वक्त एलर्ट रहना चाहिए। सफल ब्रांड मैनेजर बनने के लिए क्रिएटिव माइंडेड होना बेहद जरूरी है। इसके अलावा, मार्केट रिसर्च, एनालिसिस, सेल्स और प्रमोशनल प्लानिंग जैसी स्किल्स भी जरूरी हैं।
आकर्षक सैलरी
ब्रांड मैनेजर के जिम्मे काफी काम होता है। इस पर कंपनी का काफी दारोमदार भी होता है। यही वजह है कि इनकी सैलरी भी अच्छी होती है। शुरुआती दौर में आपकी सैलरी 10 से 15 हजार रुपये हो सकती है। लेकिन अनुभव और कामयाबी हासिल करने के बाद आपकी कमाई लाखों में हो सकती है।
प्रमुख संस्थान
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, कोलकाता
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस ऐंड मैनेजमेंट, रांची
सिम्बायोसिस इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज, पुणे
एसपी जैन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट ऐंड रिसर्च, मुंबई
जेवियर इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट ऐंड रिसर्च ऐंड इंटरप्रेन्योरशिप, बेंगलुरु
इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, भुवनेश्वर
एमपी बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, बेंलगुरु
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ प्लानिंग मैनेजमेंट, नई दिल्ली
भारतीय विद्या भवन, कोलकाता
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