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इंडियन नेवी समय-समय पर सभी शाखाओं के लिए आवेदन आमंत्रित करती रहती है। यदि आप भी साइंस से बारहवीं हैं और नेवी में जाने के उत्सुक हैं, तो आपके लिए इंडियन नेवी में सेलर्स फॉर सीनियर सेकेन्ड्री रिक्रूट्स यानी एसएसआर में बेहतर अवसर हैं। कुछ दिनों पहले ही इसके लिए आवेदन आमंत्रित किए थे। आप इसके लिए आवेदन कर चुके होंगे। अगर इसमें सफलता पानी है तो अभी से तैयारी के लिए जुट जाना होगा।
कॅरियर भरा रोमांच
नेवी सेवा में आपको समुद्र में विचरण करना होता है। इस कारण इसमें सेवा के साथ ही काफी रोमांच भी होता है। इसके अतिरिक्त इंडियन नेवी को विश्व की सर्वोत्तम सेवाओं में से एक माना जाता है। इस सेवा के लिए आपको हमेशा सजग रहना पडता है और किसी भी परिस्थिति में शत्रुओं के आक्रमण का मुंहतोड जवाब देने के लिए तैयार रहना पडता है। इस सेवा में जाने के बाद आपको पद, पैसे और प्रतिष्ठा तीनों एक साथ मिलते हैं और आपकी लाइफ स्टाइल भी बिंदास हो जाती है। यही कारण है कि युवाओं में इस सेवा को लेकर काफी क्रेज है। स्वतंत्रता के पहले तक भारत में नेवी की इतनी महत्ता नहीं थी। थल सेना ही प्रभावी थी। इसके विपरीत इंग्लैंड और अमेरिका नाविक शक्ति की बदौलत उन्नीसवीं शताब्दी में पूरे विश्व में छा गए। स्वतंत्र होने के बाद से ही भारत सरकार इसकी शक्ति को पहचानकर इसको शक्तिशाली बनाने में जुट गई। आज भारत प्रमुख नाविक शक्ति में से एक है। आज भारत के पास बेहतर और सक्षम सैनिक, विध्वंसक युद्धपोत हैं। सक्षम और ऊर्जावान सैनिकों की भर्ती के लिए इंडियन नेवी समय-समय पर रिक्तियां निकालती रहती है। यदि आपको समुद्र में विचरण करने का शौक है और इस शौक के साथ-साथ आप देश सेवा भी करना चाहते हैं, तो इंडियन नेवी बेहतर विकल्प हो सकता है।
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सेलेक्शन क्राइटेरिया
इस सेवा में जाने के लिए आपको लिखित परीक्षा, फिजिकल फिटनेस टेस्ट और मेडिकल एग्जामिनेशन से गुजरना होगा। लिखित परीक्षा के अंतर्गत इंग्लिश, साइंस, मैथ्स और जनरल नॉलेज से संबंधित पेपर होंगे। परीक्षा की अवधि एक घंटा होगी। प्रश्नों का स्टैंडर्ड बारहवीं होगा। कहने का आशय यह है कि अगर आपने बारहवीं तक की तैयारी अच्छी तरह से की है, तो आपको लिखित परीक्षा उत्तीर्ण करने में अधिक परेशानी नहीं होगी।
प्रिपरेशन स्ट्रेटेजी
नेवी में थोडी मेहनत से इस सेवा में चुने जा सकते हैं। इस परीक्षा के माध्यम से आपकी इंटेलिजेंट क्षमता को परखा जाता है। इसके साथ ही विपरीत परिस्थितियों में धैर्य, निर्णय लेने की क्षमता और ग्रुप टेस्टिंग की परख की जाती है। जहां तक लिखित परीक्षा का प्रश्न है तो आप इसकी तैयारी के लिए नेवी परीक्षा में पूछे जानेवाले पूर्व के प्रश्नों को देखकर अपनी तैयारी की शुरुआत कर सकते हैं। ऑब्जेक्टिव टाइप के प्रश्नों में टाइम मैनेजमेंट अहम होता है। यह एक दिन में संभव नहीं है। यह तभी संभव है, जब आप इसका अभ्यास करते हैं। आपके लिए बेहतर होगा कि निर्धारित समय-सीमा के अंदर प्रश्नों को हल करने का अभ्यास करें। इससे परीक्षा हॉल में किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। बेहतर स्ट्रेटेजी यह है कि आप सबसे पहले उन्हीं प्रश्नों को हल करें, जिन्हें अच्छी तरह से जानते हैं। अक्सर देखा जाता है कि स्टूडेंट्स किसी एक प्रश्न में उलझ जाते हैं। इससे वे बहुमूल्य समय जाया कर देते हैं। परिणामस्वरूप आगे के प्रश्नों को हल करने के क्रम में काफी दबाव में आ जाते हैं और समय के अभाव में प्रश्न जानते हुए भी सॉल्व नहीं कर पाते हैं। इससे बचने के लिए जरूरी है कि आप पहले ही इसके लिए तैयार रहें। सफल होने के लिए जरूरी है कि आप सिर्फ एक घंटा करेंट अफेयर्स को रेगुलर दें, तो रोज आप नित्य नवीन घटनाओं या खेलों से अवगत होते रहेंगे और इस क्षेत्र की मुकम्मल तैयारी भी हो जाएगी। आप स्तरीय पत्र-पत्रिकाओं की सहायता से राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय, आर्थिक, खेल गतिविधियों एवं पुरस्कार, चर्चित व्यक्ति, स्थल, महत्वपूर्ण तिथियों आदि का नियमित अध्ययन करें। इसके अलावा यूनिक गाइड, एनसीईआरटी की पुस्तकों से भारतीय इतिहास, संस्कृति, अर्थव्यवस्था आदि की जानकारी बढाएं।
खुद में करें सकारात्मकता का संचार
अगर आप थोडी सी परेशानियों से घिरने पर खुद की क्षमताओं पर ही संदेह करने लगेंगे तो सफल होना मुश्किल है। हो सकता है कि एक बार प्रयास करने पर सफलता न मिले लेकिन अगर आप नकारात्मकता से दूर रहते हुए पूरे मन से प्रयास करेंगे तो सफलता मिलनी तय है। जीवन से जुडी अपेक्षाएं पूरी न होने पर निराशा स्वाभाविक है लेकिन अगर आप उस निराशा के अंधेरे में ही डूबे रहेंगे तो आशा की दूसरी किरणों को पहचान भी नहीं पाएंगे। जीवन में उतार-चढाव आना लाजमी है। लेकिन आपके असल व्यक्तित्व की पहचान आपके उस रवैये से है जो आप परेशानियों में घिरा होने पर अपनाते हैं। कुछ लोग जीवन के सकारात्मक पहलुओं को ढूंढ-ढूंढकर अपनी जिंदगी में उत्साह बरकरार रखते हैं और कुछ लोग नकारात्मकता से इस कदर घिर जाते हैं कि कोई गलत कदम उठाने से भी नहीं चूकते। अपनी जिंदगी का एक लक्ष्य बनाकर चलें तो दिमाग को भटकने से बचाया जा सकता है। किसी भी अप्रिय स्थिति का सारा दोष खुद पर ही न मढ लें। इसके लिए परिस्थितियां भी दोषी हो सकती हैं। आपकी काबिलियत इसमें है कि आप इन परिस्थितियों को खुद पर हावी न होने दें और खुद में सकारात्मकता का संचार करें।
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